EPFO Pension Calculation – रिटायरमेंट पेंशन 2025 को लेकर कर्मचारियों के बीच कई सवाल हैं, खासकर यह कि EPFO से मिलने वाली पेंशन आखिर कैसे तय होती है? असल में, EPFO पेंशन की गणना पूरी तरह से आपके PF (Provident Fund) में जमा रकम और सर्विस की अवधि पर निर्भर करती है। EPFO द्वारा संचालित Employees’ Pension Scheme (EPS) के तहत पेंशन मिलती है, जिसमें हर महीने आपके और नियोक्ता की ओर से एक निश्चित अंशदान होता है। यह अंशदान आपके बेसिक सैलरी और डीए का 8.33% होता है, जो EPS खाते में जमा होता है। इस रकम को जोड़कर, आपकी कुल सर्विस अवधि को ध्यान में रखते हुए EPFO एक तय फॉर्मूले के आधार पर आपकी मासिक पेंशन की गणना करता है।

EPFO पेंशन फॉर्मूला: बेसिक वेतन और सर्विस अवधि पर आधारित कैलकुलेशन
EPFO पेंशन की गणना एक तयशुदा फॉर्मूले के आधार पर होती है:यहां ‘पेंशन योग्य सैलरी’ का मतलब है अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी, जिसे EPS के तहत माना जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी अंतिम औसत सैलरी ₹15,000 है और आपने 30 साल तक सेवा की है, तो आपकी मासिक पेंशन होगी (15000 × 30) ÷ 70 = ₹6,428. इस फॉर्मूले के हिसाब से ज्यादा सर्विस और अधिक सैलरी वाले कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन मिलती है। हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि EPS के तहत अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी ₹15,000 निर्धारित की गई है, इसलिए इससे अधिक कमाई करने वाले कर्मचारियों को भी इसी लिमिट के तहत पेंशन दी जाती है।
2025 की नई गाइडलाइन से कैसे बदल सकता है पेंशन कैलकुलेशन
वर्ष 2025 में EPFO पेंशन से संबंधित कई बदलाव संभावित हैं, खासकर उच्च पेंशन की मांग करने वाले कर्मचारियों के लिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद EPFO ने उच्च पेंशन विकल्प को फिर से शुरू किया, जिसमें कर्मचारी अपनी पूरी सैलरी के आधार पर EPS में योगदान दे सकते हैं। इससे पेंशन कैलकुलेशन भी बदल जाएगा क्योंकि पहले की अधिकतम सीमा ₹15,000 थी, लेकिन अब कर्मचारी यदि चाहें तो अपने वास्तविक वेतन के हिसाब से EPS अंशदान कर सकते हैं। ऐसे में यदि किसी की सैलरी ₹30,000 है और वो उच्च पेंशन के लिए पात्र हैं, तो उनकी पेंशन डबल हो सकती है। इसके लिए कुछ अतिरिक्त दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। साथ ही, पेंशन कैलकुलेशन में यह भी देखा जाता है कि कर्मचारी ने कितने साल सेवा की है और कितनी नियमितता से EPS में अंशदान हुआ है।
EPF पेंशन निकालने की प्रक्रिया: कब और कैसे करें क्लेम
रिटायरमेंट के बाद EPFO से पेंशन क्लेम करने की प्रक्रिया काफी सरल है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें और डॉक्युमेंटेशन पूरे करने होते हैं। सबसे पहले, कर्मचारी की आयु 58 वर्ष पूरी होनी चाहिए और उसके पास कम से कम 10 साल की सेवा होनी चाहिए। यदि ये दोनों शर्तें पूरी होती हैं, तो कर्मचारी फॉर्म 10D के माध्यम से EPFO पोर्टल पर या अपने नजदीकी EPFO कार्यालय में आवेदन कर सकता है। इस फॉर्म के साथ Aadhar, बैंक पासबुक, सेवा प्रमाण पत्र और नियोक्ता द्वारा प्रमाणित दस्तावेज लगाना जरूरी होता है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद EPFO द्वारा डॉक्युमेंट्स की वेरिफिकेशन की जाती है
रिटायरमेंट के बाद पेंशन की प्लानिंग में किन बातों का रखें ध्यान
रिटायरमेंट पेंशन एक स्थायी इनकम का स्रोत होती है, इसलिए इसकी योजना पहले से बना लेना बेहद जरूरी होता है। सबसे पहले, यह सुनिश्चित करें कि EPS खाते में आपकी सेवा अवधि और योगदान की जानकारी पूरी और सही हो। इसके लिए समय-समय पर UAN पोर्टल से डिटेल चेक करते रहें। दूसरा, यदि आप उच्च पेंशन के विकल्प के पात्र हैं, तो इसकी प्रक्रिया और डेडलाइन का पालन करें। तीसरा, रिटायरमेंट के समय फॉर्म 10D सही तरीके से भरें और सभी दस्तावेज पहले से तैयार रखें।