ATM Withdrawals पर RBI का नया नियम — तुरंत जानें आपको कितना फायदा या नुकसान होगा

ATM Withdrawals New Rule – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ATM Withdrawals को लेकर नया नियम जारी किया है, जिससे देशभर के बैंक ग्राहकों में हलचल मच गई है। यह नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए अहम है जो महीने में बार-बार कैश निकालते हैं। नए नियम के अनुसार, अब मुफ्त निकासी की लिमिट में बदलाव किया गया है और कुछ बैंकों ने अपने सर्विस चार्ज को भी अपडेट किया है। पहले जहां ग्राहक महीने में 5 बार तक बिना किसी शुल्क के पैसे निकाल सकते थे, वहीं अब यह लिमिट बैंक और शहर की कैटेगरी के अनुसार तय की जाएगी। मेट्रो शहरों में लिमिट कम होगी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों को कुछ राहत दी जाएगी। इसके अलावा, इंटरबैंक ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त शुल्क और टैक्स भी जोड़ा जाएगा जिससे कुल निकासी लागत बढ़ सकती है।

ATM New Facilities
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RBI के नए ATM नियम की मुख्य बातें

RBI के इस नए दिशा-निर्देश में ATM लेनदेन को लेकर पारदर्शिता और सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया है। अब सभी बैंकों को अपने ग्राहकों को प्रत्येक लेनदेन की जानकारी SMS और ईमेल के माध्यम से भेजनी होगी। इसके अलावा, अगर कोई ग्राहक एक दिन में निर्धारित सीमा से अधिक राशि निकालता है, तो उस पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। इस नियम का उद्देश्य नकदी की निर्भरता को कम करना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। साथ ही, बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में एटीएम पर्याप्त मात्रा में कार्यरत रहें ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो।

ग्राहकों को कितना फायदा या नुकसान होगा

ग्राहकों के लिए यह नियम एक मिश्रित परिणाम लेकर आया है। एक तरफ, डिजिटल लेनदेन करने वालों को इससे लाभ होगा क्योंकि उन्हें बैंक द्वारा मिलने वाले ऑफ़र्स और कैशबैक का फायदा मिलेगा। दूसरी ओर, जो ग्राहक कैश ट्रांजैक्शन पर निर्भर हैं, उन्हें अब अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए बैंक ने सीमित राहत दी है, जहां निकासी लिमिट थोड़ी अधिक रखी गई है। वहीं, मेट्रो शहरों में ट्रांजैक्शन फीस ₹21 प्रति निकासी तक बढ़ सकती है, जिससे नियमित कैश यूज़र्स पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

एटीएम से निकासी लिमिट और चार्ज स्ट्रक्चर

नई नीति के तहत हर बैंक अपने ग्राहकों के लिए अलग लिमिट और चार्ज स्ट्रक्चर लागू करेगा। उदाहरण के लिए, SBI और HDFC जैसे प्रमुख बैंकों ने मुफ्त निकासी की सीमा 3 से 5 बार रखी है, जबकि ICICI और Axis बैंक ने इसे अपने खाताधारक के प्रकार के आधार पर तय किया है। इसके अलावा, नॉन-होम ब्रांच या दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर अतिरिक्त ₹21 + GST देना होगा। रात के समय और छुट्टी वाले दिनों में की गई निकासी पर भी कुछ बैंकों ने विशेष चार्ज लागू किया है। इसका उद्देश्य कैश ट्रांजैक्शन को सीमित कर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने का RBI का मकसद

RBI का मुख्य उद्देश्य इस नियम के माध्यम से डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करना है। सरकार और रिज़र्व बैंक दोनों ही देश को “Less Cash Economy” की दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। UPI, नेट बैंकिंग और कार्ड पेमेंट जैसी सेवाओं को सस्ता और आसान बनाया जा रहा है ताकि लोग धीरे-धीरे नकद पर निर्भरता कम करें। नए एटीएम नियमों के चलते भविष्य में बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और फ्रॉड ट्रांजैक्शन के मामले कम होंगे। हालांकि, आम उपभोक्ताओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी बैंक लिमिट, चार्जेज और नियमों की पूरी जानकारी रखें ताकि अनावश्यक शुल्क से बचा जा सके।

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